Show me an example

Sunday, June 12, 2011

कुछ ट्विटरीय 'धोये'


@mishrashiv I'm reading: कुछ ट्विटरीय 'धोये'Tweet this (ट्वीट करें)!

तुकबंदी की यही विशेषता है कि कोई नहीं जनता कब इकट्ठी हो जायें. तो आज कोई पचास ग्राम तुकबंदी इकट्ठी हुई और कुछ ट्विटरीय 'धोये' बन गए. आप बांच सकते हैं क्योंकि ये 'धोये' ट्वीट जितने ही उबाऊ हैं. उनसे ज्यादा नहीं है.


भारत है अब बन गया नेशन बहस-प्रधान,
तर्कों की फसलें उगें सबका उसपर ध्यान|

@झुनझुनवाला ने किया ट्विटर का आविष्कार
क्या सोचा हो जाएगा इतना बड़ा बाज़ार

बहस इहाँ अब बन चुका जीवन का आधार,
पूरा भोजन सा लगे कल तक था जो अचार|

ट्वीपल पल-पल लिख रहा जीवन का आख्यान,
रोज-रोज की बहस में, डूबा हिन्दुस्तान|

जो भी मन में बात हो, ट्वीट लिखें आसान,
जिसको पढि सब समझ लें दिखें नहीं हलकान|

पत्रकार ट्विटिया रहे, बस सरकारी राग
मिनट-मिनट पर डाल घी भड़काते हैं आग|

पत्रकार से कह रहा, ट्वीपल इक नादान
टुकड़ों पर तुम पल रहे, नहीं कोई भगवान|

रामदेव अनशन करें, भक्त रहें ट्विटियात
बाकी अपनी ट्वीट से, क्षण-क्षण दें आघात|

सही-गलत के शोर में सत ही बलि चढ़ जाय
गुट का गुटका डारि मुख ट्वीपल रहे चबाय|

चंहु दिश केवल दिख रहा वैचारिक मतभेद
गाली-फक्कड़ भी दिए, प्रकट करें नहि खेद|

इंटेलेक्चुअल दुखी है देखि येमेन में आग
दिल्ली में क्या घट रहा उससे फिरता भाग|

सरकारी भोपूं लगें पंकज, बरखा दत्त
उधर पल्लवी घोष भी, रहे सदा मदमत्त|

मीडिया वाले ज्ञान दें साथ रहे धिक्कार
तर्कों से जब चुक रहे, करते वेर्बल वार|

सबसे बढ़िया वही जो शेर रहें ट्विटियात
शायर अपने लिख गए केवल बढ़िया बात

ह्यूमर वाली ट्वीट को आरक्षण मिल जाय
वही दिखें बस पॉपुलर ट्वीपल 'आर-टियाय'|


आप लोग़ भी कमेन्ट में अपने-अपने 'धोये' जोड़ दीजिये.

16 comments:

  1. सबको धोया आपने, अब क्या धोवें हम्म
    बाबाजी क्यों बच गये, कुछ को है ये गम्म.

    ReplyDelete
  2. होड़ लगी है यहाँ पर सबसे गरम खबर लाया कौन,
    दिग्विजय क्या बोले, क्यों बाबा हुए मौन ||
    मीडिया, अन्ना, बाबा, पक्ष और विपक्ष सबको क्रेडिट चाहिए,
    की भ्रस्टाचार के आन्दोलन-करता हैं हम, हमें पहचानिए ||
    क्या जनता नहीं समझती कौन है साचा कौन है झूठा,
    अगर नहीं समझती तो यह 'जनता' नहीं कहलाती,
    वोह चुप है बैठी क्योंकि यहाँ हर शाख पर उल्लू है बैठा,
    बस येही सोंचती है की कौन है सबसे कम झूठा||

    ReplyDelete
  3. ट्वीट-ट्वीट कर जगमुआ, ट्वीटरर भया न कोय।
    140 अक्षर में लिख सके, सो ट्वीटरर होय।

    ReplyDelete
  4. अरे! यह तो लाइफ़बाय के धोये हैं- सारा मैल धो डाला.... अब भारत सुरक्षित है :)

    ReplyDelete
  5. ट्वीट ट्वीट तो ट्वीट है ट्वीट सके तो ट्वीट।

    ReplyDelete
  6. टिप्पणी इंय्या दे या ट्वीट्टर पर स्वीकार करेंगे? :)

    ReplyDelete
  7. प्रणव दा अब कह रहे, हम तो चुन कर आय
    पहले तुम सांसद बनो, फिर बोलों मन भाय।

    हम तो राजा बन गए, तुम हो प्रजा मामूल
    ज्‍यादा तुम बोलों नहीं, चढ जाओंगे सूल।

    ReplyDelete
  8. भारत है अब बन गया नेशन बहस-प्रधान,
    तर्कों की फसलें उगें सबका उसपर ध्यान|
    सही बात है। सब को अच्छी तरह धोया। शुभ.का.

    ReplyDelete
  9. बढ़िया दोहे-सोहे लिख डाले।

    ट्विटर का व्यवहारिक उपयोग किया है। ट्विटर की सहायता से मात्रात्मक छन्द(चौपाई,दोहे आदि भी)
    मजे से लिखे जा सकते हैं। कवियों को इसका उपयोग करना चाहिये धांसकर!

    ReplyDelete
  10. हमारा ट्वीट :-पिछली पोस्ट में भी आप "धोये" इस पोस्ट में "धोये" जा रहे हैं, आपमें धोने की अचानक उपजी ये प्रवृति कहीं आपको हमेशा के लिए धोबी बना कर आफिस से उठा कर कलकत्ता के धोबी घाट की और न ले जाए...सोच लीजिये अगर ऐसा हुआ तो एक सफल चार्टर्ड एकाउंटेंट की अपने आफिस से धोबी घाट तक की ये यात्रा ऐतिहासिक कहलाई जाएगी.

    नीरज

    ReplyDelete
  11. सही-गलत के शोर में सत ही बलि चढ़ जाय
    गुट का गुटका डारि मुख ट्वीपल रहे चबाय|

    चंहु दिश केवल दिख रहा वैचारिक मतभेद
    गाली-फक्कड़ भी दिए, प्रकट करें नहि खेद|

    इंटेलेक्चुअल दुखी है देखि येमेन में आग
    दिल्ली में क्या घट रहा उससे फिरता भाग|


    किसको कोट(रीट्वीट) करूँ किसे छोडूँ ,समझ में नहीं आ रहा...सभी धोये एक से बढ़कर एक सटीक समसामयिक लाजवाब...

    ReplyDelete
  12. जैसी जो आंधी चले, सब हो राग अलाप
    अपनी खुद की समझ नहीं, बस करते संताप!

    आखिरी शब्द ढूंढ़ने में १५ मीनट लगे, परन्तु पूरा हो गया!
    और गुरुदेव नीरज जी सही कह रहे हैं, थोढ़ा साबुन बचा के रखें, आगे काम आएगा :|

    ReplyDelete
  13. ये पचास ग्राम तुकबंदी है?!! आप अपना बटखरा जांच करवा लीजिए...हमको तो ये एक 'मन' तुकबंदी लग रही है...क्या धोए हैं..वाह. नीरज जी की टिप्पणी तो जैसे सोने पर सुहागा है :)

    ReplyDelete

टिप्पणी के लिये अग्रिम धन्यवाद। --- शिवकुमार मिश्र-ज्ञानदत्त पाण्डेय